मशरुम उत्पादन का व्यापार कैसे शुरू करें - How to start Mushroom Farming Business
मशरूम की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें?
How to start the Mushroom Cultivation business?
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, बाजार में मशरुम की जितनी ज़्यादा मांग है, उतना उत्पादन अभी नहीं हो रहा है, ऐसे में सभी किसान मशरूम की खेती कर अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। तीन तरह के मशरूम का उत्पादन होता है | अभी सितम्बर महीने से 15 नवंबर तक ढ़िगरी मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है, इसके बाद बटन मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है जो कि फरवरी-मार्च तक ये फसल चलती है, और इसके बाद मिल्की मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं जो जून जुलाई तक चलता है। तो इस तरह साल भर मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है और मुनाफा कमाया जा सकता है |
मशरुम के प्रकार (Types of Mushroom)
आप तीन तरह के मशरूम की खेती कर सकते हैं :
1. ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम)
2. बटन मशरूम
3. दूधिया मशरूम (मिल्की)
इन सभी में से ढिंगरी मशरूम यानि ऑयस्टर मशरूम की खेती बड़ी आसान और सस्ती है | इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मशरुम में बाकी दूसरे मशरूम की तुलना में अधिक औषधीय गुण होते हैं और इसका स्वाद भी लाजवाब होता है । इस तरह के मशरुम की दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई जैसे महानगरों में बहुत भारी माँग है। कई सारे राज्यों में यह गाँव-गाँव में बिकता है। देश के कई सारे राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और गुजरात में भी इस मशरूम की कृषि लोकप्रिय हो रही है।
1. ऑयस्टर मशरुम की खेती करने की विधि (Oyster Mushroom Farming)
ऑयस्टर मशरुम की खेती स्पॉन (बीज) के जरिए की जाती है | इसके लिए आप सिर्फ सात दिन पहले ही मशरूम के स्पॉन (बीज) लें | आपको इसके बीज ज़्यादा पहले से लेकर नहीं रखने हैं ऐसा नहीं कि आप एक महीने पहले ही मशरूम का स्पान लेकर रख लें | इससे बीज खराब होने लगते हैं । इस मशरुम के उत्पादन के लिए आपको स्पॉन (बीज) के अलावा भूसा, पॉलीबैग, कार्बेंडाजिम, और फॉर्मेलिन की जरूरत होती है। दस किलो भूसे के लिए एक किलो स्पॉन की जरूरत होती है और साथ ही इसके लिए पॉलीबैग, कार्बेंडाजिम, फॉर्मेलिन, की जरूरत होती है।
ऐसे लगाएं ऑयस्टर मशरुम (Oyster Mushroom Cultivation)
सबसे पहले आप 10 किलो भूसे को 100 लीटर पानी में भिगो लीजिये | इसके लिए 150 मिली. फार्मलिन, सात ग्राम कॉर्बेंडाजिन को पानी में घोलकर इसमें दस किलो भूसा डुबोकर उसका शोधन किया जाता है। भूसा भिगोने के बाद लगभग बारह घंटे यानि अगर आप इसको सुबह फैलाते हैं तो शाम को और अगर शाम को फैलाते हैं तो सुबह निकाल लें | इसके बाद भूसे को किसी जालीदार बैग में भर दें या फिर चारपाई पर फैला लें | ऐसा करने से अतिरिक्त पानी निकल जाता है | इसके बाद एक किलो सूखे भूसे को एक बैग में भरा जाता है | एक बैग में तीन लेयर लगानी होती है | एक लेयर लगाने के बाद उसमें स्पॉन को किनारे-किनारे रखकर उसपर फिर भूसा रखा जाता है | इस तरह से एक बैग में आपको तीन लेयर लगानी होती है।
बैग में स्पॉन लगाने के पंद्रह दिनों बाद ही इसमें ऑयस्टर की सफेद-सफेद खूटियां निकलने लगती हैं | ये मशरूम बैग में चारों तरफ निकलने लगता है | इस मशरूम की सबसे अच्छी बात यह होती है कि इसे किसान सुखाकर भी बेच सकते हैं और इसका स्वाद भी सभी तीनों मशरूम में सबसे बेहतर होता है।
2. बटन मशरूम (Button Mushroom)
बटन मशरूम की खेती निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती है । लेकिन अब ग्रीन हाउस तकनीक के द्वारा इस मशरुम को भी हर जगह बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है | एक अच्छी बात यह है कि सरकार के द्वारा बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि लोगों को मशरुम कृषि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिल सके और ज़्यादा से ज़्यादा लोग इसकी खेती कर सकें |
ऐसे करें बटन मशरुम का उत्पादन (Button Mushroom Cultivation)
मशरूम के बीज को स्पान कहतें हैं | बीज की गुणवत्ता का उत्पादन पर बहुत ज़्यादा असर होता है इसलिए खुम्बी का बीज या स्पान लेने के लिए आपको एक अच्छी भरोसेमंद दुकान का चुणाव करना चाहिए । बीज एक माह से ज़्यादा पुराना भी नहीं होना चाहिए।
मशरुम के बीज की मात्रा कम्पोस्ट खाद के वजन के 2-2.5 प्रतिशत के बराबर लें | उसके बाद बीज को पेटी में भरी कम्पोस्ट पर बिखेर दें और उस पर 2 से 3 सेमी मोटी कम्पोस्ट की एक और परत चढ़ा दें या पहले पेटी में कम्पोस्ट की तीन इंच मोटी परत लगाऐं और उसपर बीज की आधी मात्रा बिखेर दे | उस पर फिर से तीन इंच मोटी कम्पोस्ट की परत बिछा दें और बाकी बचे हुए बीज को उस पर बिखेर दें | इस पर कम्पोस्ट की एक पतली परत और बिछा दें |
बटन मशरूम की बुवाई कैसे की जाती है ?
बुवाई करने के बाद पेटी या थैलियों को वहां रख दें जहां पर उत्पादन करना है | इन पर पुराने अखबार बिछाकर पानी से भिगो दें | कमरे में पर्याप्त नमी को बरक़रार रखने के लिए कमरे के फर्श व दीवारों पर भी पानी छिड़कते रहें | इस समय कमरे का तापमान 22 से 26 डिग्री सेंन्टीग्रेड और नमी 80 से 85 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए। अगले 15 से 20 दिनों में खुम्बी का कवक जाल पूरी तरह से कम्पोस्ट में फैल जाएगा। इन दिनों में खुम्बी को ताजा हवा की जरुरत नहीं है इसलिए कमरे को बंद ही रखें।
बटन मशरूम की तुड़ाई कैसे की जाती है ?
बटन मशरूम की तुड़ाई खुम्बी की बीजाई के 35-40 दिन बाद या मिट्टी चढ़ाने के 15-20 दिन बाद कम्पोस्ट के ऊपर मशरूम के सफेद घुंडिया देने लगती हैं जो अगले चार-पांच दिनों में बढ़ने लगती हैं | इसको घूमाकर धीरे से तोड़ना चाहिए | आप चाहे तो इसे चाकू से भी आसानी से काट सकते हैं।
कच्चा माल या बनाने के लिए उपयुक्त माल और स्थान (Materials required for mushroom cultivation)
मशरूम बीज की कीमत (Mushroom seeds Price)
मशरूम के व्यापार में खर्च होने वाली राशि (Investment or cost required for mushroom farming)
इस पर लगाई जाने वाली राशि आपकी क्षमता एवं व्यापार के स्तर पर निर्भर करती है | मशरुम के व्यापार में आपको इसकी देखभाल एवं उगाने के स्थान को बनाने में खर्च करना होगा | इसके अलावा कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करने के लिए भी खर्च आएगा | अगर आप छोटे स्तर पर व्यापार शुरू करते है तो 10000 रुपए से 50000 रुपए तक लगा सकते हैं और अगर आप बड़े स्तर पर मशरुम व्यापार करने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए आप 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं | तो कुल मिलकर इस पर होने वाला खर्च आपके व्यापार के स्तर पर ही निर्भर करता है | मशरूम उगाने की प्रक्रिया तो एक जैसी ही होती है चाहे आप इसे छोटे स्तर पर शुरू करें या बड़े स्तर पर |
मशरूम प्रशिक्षण (Training for Mushroom Farming)
मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण अंग है क्योकि बिना प्रशिक्षण प्राप्त किये कोई व्यक्ति मशरूम का सफलतापूर्वक उत्पादन नहीं कर सकता है | मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण लेना जरुरी होता है ताकि कम लागत में किसान अधिक आय अर्जित कर सकें | इस व्यापार के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है और साथ ही मुफ्त प्रशिक्षण की सुविधा भी दी जाती है जिसके लिए सरकार ने कई प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे है जहां पर आपको मशरूम उगाने की सभी तकनीकों के बारे में सिखाया जायेगा |
मशरूम की खेती करने की प्रक्रिया (Mushroom farming process in hindi)
घर पर मशरूम की खेती करने की प्रक्रिया (Mushroom farming at home)
प्रथम चरण – धान और गेहूं के भूसे की मदद से कम्पोस्ट खाद बनाना (How to make mushroom compost at home)
दूसरा चरण – मशरूम की बुवाई (Mushroom plantation)
हवा एवं पंखे की सहायता से रख रखाव (Mushroom cultivation precautions)
नमी एवं तापमान पर नियंत्रण (How to maintain humidity in mushroom cultivation)
मशरूम के थैले रखने के तरीके
कब और कैसे करें कटाई
तो इन तरीको को अपनाकर आप भी मशरुम उत्पादन कर सकते हैं और अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं | मशरूम की खेती के व्यापार से जुड़ी समस्त जानकारी आप हमारे Youtube Channel 'UK Video World' पर भी देख सकते हैं |
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