Mahashivratri 2019 in Hindi - Date, Images, History, Story, Celebration & Importance
Mahashivratri 2019 in Hindi - Date, Images, History, Story, Celebration & Importance
महाशिवरात्रि एक हिन्दू त्यौहार है जिसे प्रत्येक वर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के 13वें या 14वें दिन को मनाया जाता है | वैसे तो पूरे वर्ष भर में 12 शिवरात्रियाँ मनाई जाती हैं लेकिन इन सब में से सबसे महत्वपूर्ण महाशिवरात्रि को माना जाता है | यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है | इस त्यौहार के दिन लोग पूरी रात भर जागकर शिवजी की उपासना करते हैं | साथ ही व्रत भी रखते हैं | इसके साथ ही कई लोग पूरे दिन और रात का उपवास भी करते हैं | अविवाहित महिलाएं इस दिन भगवान शिव से अच्छे वर प्राप्त करने हेतु कामना करती हैं |Mahashivratri 2019 images
Mahashivratri 2019 date
इस वर्ष महाशिवरात्रि सोमवार, 4 मार्च को समस्त भारतवर्ष में पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाई जाएगी |Mahashivratri history in Hindi
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ इसी दिन से हुआ | ऐसा माना जाता है अनिलिंग के उदय होने से सृष्टि का विकास हुआ | अनिलिंग महादेव का ही विशालकाय स्वरुप है | इसके अलावा यह मान्यता भी प्रचलित है कि आज के ही दिन भगवान भोले शंकर और माँ पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था |Mahashivratri story in Hindi
महाशिवरात्रि के बारे में प्रचलित कथाओं में से निम्नलिखित कथाएं प्रमुख हैं :समुद्र मंथन कथा
जब समुद्र मंथन द्वारा अमर अमृत उत्पादित हुआ था तो उसके साथ ही कालकूट नामक विष भी उत्पादित हुआ था जो कि बेहद खतरनाक विष था और इस कालकूट विष में पूरे ब्रह्माण्ड को नष्ट कर देने तक की क्षमता थी | केवल भगवान शिव इस विष को नष्ट करने में सक्षम थे | भगवान शिव ने समस्त ब्रह्माण्ड को बचाने के लिए कालकूट विष को अपने कंठ में रख लिया था | यह विष इतना जहरीला था कि भगवान शिव का कंठ भी इस विष की वजह से नीला पड़ गया था | इसी कारणवश भगवान शिव शंकर को 'नीलकंठ' के नाम से भी जाना जाता है | कालकूट विष को ग्रहण करने के बाद इसके उपचार हेतु चिकित्सकों ने भगवान शिव को रात भर जागने की सलाह दी थी | सभी देवताओं ने रात भर अलग-अलग संगीत बजाये और नृत्य किया | सुबह होकर भगवान शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया | ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है जब भगवान शिव ने समस्त विश्व को बचाया था | यही वजह है कि शिवरात्रि के दिन सभी भक्तजन व्रत रखते हैं, भगवान शिव की उपासना करते हैं और शिवरात्रि की पूरी रात भोले शंकर का ध्यान लगाते हैं |शिव-पार्वती विवाह
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान शिव और माता पार्वती विवाह के सूत्र में बंधे थे |Mahashivratri celebration in Hindi
शिवरात्रि के शुभ अवसर पर शिवलिंग का अभिषेक अलग-अलग प्रकार से किया जाता है | जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक जिनमे से प्रमुख हैं | शिवरात्रि के दिन सभी भक्तजन प्रातः काल उठकर नहा लेते हैं और साफ़ सुथरे वस्त्र ग्रहण कर मंदिरों में शिवलिंग पूजा करने हेतु एकत्रित हो जाते हैं | इस दिन सभी भक्त सूर्योदय के समय पवित्र स्थानों जैसे गंगा आदि में भी डुबकी लगाते हैं | सभी भक्तजन शिवलिंग की तीन या सात बार परिक्रमा करते हैं और शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाते हैं |शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि में निम्लिखित चीज़ों को सम्मिलित करना अनिवार्य है :
- शिवलिंग का अभिषेक करने हेतु जल, दूध या शहद
- सिंदूर
- फल, अनाज, धतूरा
- जलती हुई धूप, भांग
- बेर या बेल के पत्ते
- पान के पत्ते
Importance of Mahashivratri in Hindi
महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ कि आराधना का पर्व है जिसकी हिन्दू धर्म में बहुत अधिक मान्यता है | इस दिन महादेव कि विधि-विधान से पूजा अर्चना कि जाती है और उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है | भगवान शिव का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन किया जाता है | साथ ही भगवान शिव को प्रिय चीज़ों द्वारा शिवलिंग का अभिषेक भी किया जाता है | इसी दिन अविवाहित महिलायें उपवास रखकर भगवान शिव से यह प्रार्थना करती हैं कि उन्हें एक सुयोग्य वर प्राप्त हो | सभी भक्तजन भगवान शिव कि आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं और साथ ही भगवान शिव को उनके अद्भुद कार्यों के लिए धन्यवाद भी देते हैं | अतः इस पर्व का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व है |Also, read other 'Mahashivratri' festival related articles :
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