Bhaiya Dooj 2019 - Bhaiya Dooj Story, Bhai Dooj Puja Vidhi , Bhai dooj celebration reason and facts
Bhaiya Dooj 2019 - Bhaiya Dooj Story, Bhai Dooj Puja Vidhi , Bhai dooj celebration reason and facts
Bhaiya Dooj 2019
Difference between Bhai Dooj and Rakshabandhan
वैसे तो भाई दूज का त्यौहार, रक्षाबंधन की ही तरह एक पावन पर्व माना जाता है जो भाई बहन के रिश्ते की गहराई को दर्शाता है | यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही होता है लेकिन बस अंतर इतना होता है कि इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती बल्कि उनका तिलक करती हैं और उनकी आरती उतारती है | आज हम आपको भाई दूज के पूजन की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आप अपने भाइयों की पूजा कर सकती हैं |
Bhai Dooj quotes in Hindi

Bhai Dooj wishes for sister
चलिए यह तो हुई भाई-दूज के पूजन की विधि अब आपको बताते हैं भाई-दूज के पीछे की सच्चाई यानी भाई-दूज की कहानी या आप कह सकते हैं कि भाई दूज को आखिर क्यों मनाया जाता है ?
Bhai Dooj wishes for brother
साथ ही साथ अपने भाई का आदर सत्कार भी किया | अपनी बहन यमुना का अपने लिए यह प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे उपहार दिए | जब यमराज अपनी बहन के घर से जाने लगे तो विदाई लेते समय उन्होंने यमुना से अपनी इच्छा के अनुसार कोई वरदान मांगने के लिए कहा तो यमुना ने बस यही कहा कि आप मुझे अगर कोई वरदान देना ही चाहते हैं तो सिर्फ यही वरदान दीजिए कि हर साल आप मुझसे मिलने इस दिन यहां आते रहेंगे और मेरे इस आदर सत्कार को स्वीकार करेंगे | मान्यता है कि इसी दिन के बाद से हर साल भैया दूज का त्यौहार कार्तिक शुक्ल के दिन मनाया जाने लगा |
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Bhai Dooj Puja Vidhi
- चावल के आटे से चौक को तैयार कर लीजिए और इसी चौक पर अपने भाई को बिठाइये और फिर अपने भाई की अपने हाथों से पूजा करें |
- भाई की हथेली पर चावल का घोल भी लगाएं इसके बाद इस घोल में सिंदूर लगाएं |
- उस घोल में पान, सुपारी हाथों पर रखकर धीरे-धीरे हाथ से पानी छोड़ते हुए मंत्र भी बोलते रहे साथ ही भाइयों की आरती उतारे और उनकी हथेली में कलावा भी बांधा जा सकता है |
- भाई का मुंह मीठा जरूर कराएं | उन्हें मिठाई खिलाएं | साथ ही शाम के समय में दिया जलाएं |
Pooja thali for Bhai Dooj / Pooja samagri for Bhai Dooj
भाई दूज के दिन पहले आसन पर चावल के घोल से चौक बना ले | रोली, चावल, घी का दीया और मिठाई से थाल को सजाएं | सुपारी, कद्दू के फूल, मुद्रा हाथों पर रखकर धीरे-धीरे हाथों से पानी छोड़ कर भाई के माथे पर तिलक लगाएं | भाई के उज्जवल भविष्य की कामना करने के साथ-साथ भाई की लंबी उम्र की कामना करें | इसके बाद अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाएं | कलावा बांधे और अपने भाई को मिष्ठान जैसे कि मिश्री या मिठाई या माखन खिलाएं |Bhai dooj after Rakshabandhan
भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है जिसे दिवाली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है | भाई दूज का त्यौहार रक्षाबंधन के बाद दिवाली के बाद मनाया जाता है | भाई दूज भी रक्षाबंधन की तरह ही एक पावन पर्व है |
Bhai dooj celebration reason
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के मस्तक पर रोली और अक्षर से तिलक करके उनके उज्जवल भविष्य और लम्बी उम्र की कामना करती हैं |Bhai Dooj wishes for sister
चलिए यह तो हुई भाई-दूज के पूजन की विधि अब आपको बताते हैं भाई-दूज के पीछे की सच्चाई यानी भाई-दूज की कहानी या आप कह सकते हैं कि भाई दूज को आखिर क्यों मनाया जाता है ?
Why do we celebrate Bhaiya Dooj ?
Bhaiya Dooj Story
पारंपरिक कथाओं के अनुसार यमराज की बहन का नाम यमुना था और यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत ज्यादा प्यार करते थे लेकिन काम के दबाव के चलते अपनी बहन से मिल नहीं पाते थे जिस वजह से यमराज की बहन उनसे नाराज हो जाती थी | एक दिन यमराज ने अपनी बहन की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए उससे मिलने की ठानी और उससे मिलने के लिए चले गए | अपने भाई को देखकर यमुना बहुत ज्यादा खुश हो गई | उसने भाई के लिए खाना बनाया |Bhai Dooj wishes for brother
साथ ही साथ अपने भाई का आदर सत्कार भी किया | अपनी बहन यमुना का अपने लिए यह प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे उपहार दिए | जब यमराज अपनी बहन के घर से जाने लगे तो विदाई लेते समय उन्होंने यमुना से अपनी इच्छा के अनुसार कोई वरदान मांगने के लिए कहा तो यमुना ने बस यही कहा कि आप मुझे अगर कोई वरदान देना ही चाहते हैं तो सिर्फ यही वरदान दीजिए कि हर साल आप मुझसे मिलने इस दिन यहां आते रहेंगे और मेरे इस आदर सत्कार को स्वीकार करेंगे | मान्यता है कि इसी दिन के बाद से हर साल भैया दूज का त्यौहार कार्तिक शुक्ल के दिन मनाया जाने लगा |
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