Karwachauth Vrat Katha 2018 in Hindi
Karwachauth Katha
Karwa Chauth 2018
करवाचौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है | वर्ष 2018 में करवाचौथ का व्रत 27 अक्टूबर को किया जायेगा | करवाचौथ के व्रत में कथा को पढ़ना अनिवार्य माना जाता है | तो चलिए आपको बताते हैं करवाचौथ व्रत की कथा -Karwa Chauth Vrat Katha 2018
एक साहूकार के परिवार में उसके सात बेटे और एक बेटी थी | करवाचौथ के दिन साहूकार की पत्नी के साथ ही उसकी बहुओं और बेटी ने भी व्रत रखा | रात में जब साहूकार और उसके बेटे खाना खाने लगे तो लड़की के भाइयों ने उसे भी भोजन करने के लिए कहा तो उसने उन्हें बताया कि आज उसका व्रत है और वो चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करेगी लेकिन उसके भाइयों से उसकी हालत नहीं देखी जा रही थी |तभी लड़की का भाई पेड़ की ओट में चलनी पर एक दीपक जलाकर रख देता है | देखने में वह चाँद सा प्रतीत होता है | लड़की दीपक को चाँद समझकर अर्घ्य देती है और भोजन ग्रहण करने हेतु बैठ जाती है | जैसे ही वह पहला निवाला लेती है उसे छींक आती है दूसरा निवाला खाने पर निवाले में बाल आ जाता है | तीसरे निवाले के साथ ही उसे अपने पति के मृत्यु की सूचना का समाचार प्राप्त होता है | यह सुनते ही वह बेहद दुखी हो जाती है | उसे समझ नहीं आता आखिर ऐसा क्यों और कैसे हो गया?
Chauth Mata Vrat Katha Poojan in Hindi
तभी लड़की की भाभी उसे पूरी सच्चाई बता देती है कि गलत तरीके से व्रत टूटने के कारण ही ये सब हुआ है जिस वजह से देवता उस से नाराज़ हो गए हैं | यह बात जानने के बाद लड़की को बहुत पछतावा होता है और वह उसी वक्त निश्चय करती है कि वो अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेगी और अपने सतीत्व के माध्यम से अपने पति को पुनर्जीवित करवाएगी |एक साल बाद जब फिर से करवाचौथ का व्रत आता है तो वो इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करती है और अपने सुहाग को पुनर्जीवित करवाने में कामयाब हो जाती है | यही करवाचौथ के व्रत की कथा है जिसे करवाचौथ के दिन हर एक सुहागन पढ़ती है |
आज चौथ माता से ये दुआ मांग रही हर एक सुहागन
कि यूँहीं सदा महकता रहे उनका जीवन
सुहाग हमारा हमेशा साथ रहे
बस सिर पर इसी तरह माता आपका आशीर्वाद रहे |
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