पप्पू कार्की (प्रवेंद्र सिंह कार्की) की जीवनी - Biography of Kumaoni folk singer Pappu Karki
पप्पू कार्की (प्रवेंद्र सिंह कार्की) की जीवनी - Biography of Kumaoni folk singer Pappu Karki
Pappu Karki
पप्पू कार्की (Pappu Karki) कुमाऊं के एक सुप्रसिद्ध लोकगायक थे | पप्पू कार्की का नाम प्रवेंद्र सिंह कार्की था | सभी लोग उन्हें पप्पू कार्की के नाम से ही पुकारा करते थे | पप्पू कार्की उतराखंड के एक सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक थे | उन्होंने कई कुमाऊंनी लोकगीतों को एक नए तरह से संगीत देकर दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जिसे लोगों के द्वारा काफी सराहना भी मिली |Pappu Karki biography
पप्पू कार्की का जन्म 30 जून 1984 को सेलावन ग्राम पिथौरागढ़, उतराखंड में हुआ था | उनके पिता का नाम श्री किशन सिंह कार्की था और उनकी माता का नाम श्रीमती कमला कार्की है | पप्पू कार्की ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हीपा पिथौरागढ़ के प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की थी | पप्पू कार्की ने जूनियर हाईस्कूल प्रेमनगर से आगे की शिक्षा प्राप्त की और राजकीय हाईस्कूल भट्टीगांव से अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण की | पप्पू कार्की का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था | परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण पप्पू कार्की नौकरी की तलाश में वर्ष 2003 में दिल्ली आ गए | तीन सालों तक दिल्ली में रहते हुए नौकरी की | पहले एक पेट्रोल पंप में काम किया फिर कुछ समय तक एक प्रिंटिंग प्रेस में काम किया और उसके बाद एक बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नौकरी की | 2006 में वे दिल्ली से रुद्रपुर, उत्तराखंड आ गए | यहाँ आने के बाद रुद्रपुर की एक कंपनी में 2 सालों तक उन्होंने काम किया | 9 जून 2018 को पप्पू कार्की b में एक कार दुर्घटना के शिकार हो गए और इस महान लोकगायक ने 9 जून को दुनिया को अलविदा कह दिया |Pappu Karki Career
पप्पू कार्की ने बहुत कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था | सिर्फ 5 साल की नन्ही उम्र में ही वे पारम्परिक न्योली लोकगीत को गाने लगे थे | पप्पू कार्की जी के इसी हुनर को उनके गुरु श्री कृष्ण सिंह कार्की ने पहचान लिया और उन्हें संगीत की शिक्षा देने लगे | पप्पू कार्की और कृष्ण कार्की जी की जुगलबंदी वाला पहला गाना वर्ष 1998 में रिलीज़ किया गया | पप्पू कार्की जी के द्वारा गाय गया यह पहला गाना "फ़ौज की नौकरी" नामक एल्बम का था | उसके बाद एक अन्य एल्बम "हरियो रुमाला" के लिए भी वर्ष 2002 में पप्पू कार्की जी ने गाने गाये | 2003 में पप्पू कार्की ने अपनी एक एल्बम लांच की जिसका नाम "मेघा" था लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे 2003 में ही नौकरी की तलाश में दिल्ली चले आये | दिल्ली आकर भी संगीत के प्रति उनका लगाव कम नहीं हुआ | वर्ष 2006 में उन्होंने दिल्ली में आयोजित हुए उत्तराखंड आइडल में भाग लिया जिसमे वे फर्स्ट रनर अप रहे | इसके बाद वर्ष 2006 में पप्पू कार्की रुद्रपुर आ गए | यहाँ पर रहते हुए एक कंपनी में नौकरी भी की | साथ ही चांदनी इंटरप्राइजेज के नरेंद्र टोलिया और लोकगायक प्रह्लाद मेहरा के साथ मिलकर "झम्म लाग्छी" नामक एल्बम के लिए गीत भी गाये | वर्ष 2010 में यह एल्बम रिलीज़ की गयी और पप्पू कार्की द्वारा गाया गया इसी एल्बम का एक गाना "डीडीहाट की जमना छोरी" को लोगों द्वारा बेहद पसंद किया गया | इसी गाने से पप्पू कार्की को एक नयी पहचान मिलनी शुरू हो गयी | इसके बाद वर्ष 2015 में पप्पू कार्की द्वारा एक "मोहनी" नामक एक और एल्बम रिलीज़ की गयी | वर्ष 2017 में पप्पू कार्की ने हल्द्वानी में अपना PK Enterprises नामक स्टूडियो खोल लिया | इसी स्टूडियो के ज़रिये वे उत्तराखंड की उभरती हुई प्रतिभाओ को गायन का मौका दिया करते थे और साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिया करते थे | वर्ष 2017 में ही उन्होंने अपनी एक नयी एल्बम "साली मारछालि" की शूटिंग का काम भी शुरू किया | वर्ष 2018 में फरवरी के महीने में उन्होंने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के लिए "चेली बचाया, चेली पढ़ाया" लोकगीत की रचना की | उनका हमेशा से यही प्रयास रहा कि आज की नयी पीढ़ी अपने पारम्परिक लोकगीतों को ना भुलाएं | इसी लक्ष्य के तहत उन्होंने कई पारम्परिक लोकगीतों को एक नए अंदाज़ में दर्शकों के सामने पेश किया जिसे लोगों ने बहुत ज़्यादा पसंद किया |Pappu Karki age
पप्पू कार्की केवल 34 वर्ष के थे | केवल 34 वर्ष की अल्पायु में ही 9 जून 2018 को पप्पू कार्की का एक सड़क दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया | इस खबर को सुनते ही पूरा कुमाऊँ जनपद सकते में पड़ गया और सभी संगीत प्रेमी मायूस हो गए | पप्पू कार्की द्वारा अपने जीवनकाल (Biography of Pappu Karki) में कुमाऊंनी लोकसंस्कृति को बचाये रखने के उनके प्रयास को कभी भुलाया नहीं जा सकता | उनके सराहनीय कार्यों ने उन्हें सदा के लिए अमर बना दिया है |Pappu Karki biography in Hindi
पप्पू कार्की को बचपन से ही संगीत से लगाव था | उनकी संगीत में बचपन से ही दिलचस्पी थी | सिर्फ 5 वर्ष की उम्र में उन्होंने न्योली गाना शुरू कर दिया था | न्योली कुमाऊँ का एक पारम्परिक लोकगीत है | पप्पू कार्की ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गांव हीपा से प्राप्त करने के बाद दिल्ली में रहकर काम किया फिर रुद्रपुर में भी कुछ वर्ष काम किया लेकिन उनके मन में अपनी लोकसंस्कृति को बचने की एक ललक थी | बस उनकी यही ललक और उनकी गायन प्रतिभा को उनके गुरु कृष्ण सिंह कार्की ने पहचाना | अपने स्कूल में होने वाले cultural programmes में वे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया करते थे | उसके अलावा गांव में होने वाले रामलीला आदि में भी वे भाग लिया करते थे | पप्पू कार्की बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली थे | उन्होंने अपनी प्रतिभा से कुमाऊंनी लोकसंस्कृति को बचाये रखने के लिए अथक प्रयास किये | उनके द्वारा अपनी संस्कृति को बचाये रखने के लिए किये गए कार्य सराहनीय हैं |Pappu Karki death
9 जून 2018 को नैनीताल के गौनियार में आयोजित किये गए युवा महोत्सव में पप्पू कार्की अपनी परफॉरमेंस देकर अपने अन्य साथियों के साथ हल्द्वानी वापस आ रहे थे | सुबह 5 बजे के लगभग हैड़ाखान में उनकी कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी और दूसरी सड़क की ओर लुढ़ककर जा पहुंची | इसी सड़क दुर्घटना में प्रसिद्ध लोकगायक पप्पू कार्की जी का निधन हो गया | अगले दिन 10 जून को रामगंगा घाट, थल में पप्पू कार्की जी का अंतिम संस्कार कर दिया गया |Pappu Karki funeral
पप्पू कार्की जी का निधन 9 जून को एक सड़क हादसे में हो गया था | 10 जून को उनके पैतृक गांव सेलावन थल में स्थित रामगंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया | उनके निधन के शोक में थल बाज़ार और पांखू बाजार को 10 जून को बंद (Pappu Karki news) रखा गया |Pappu Karki hit song
पप्पू कार्की जी ने कई सुपरहिट गाने गाये हैं | उनकी आवाज़ में एक ऐसा जादू था जो लोकगीतों को एक नया आयाम देता था | उनके द्वारा गाये गए कुछ सुप्रसिद्ध गीतों की लिस्ट निम्नलिखित है -Top 12 song of Pappu Karki
- मधुली - 'Madhuli' song by Pappu Karki
- बसंती छोरी - 'Basanti chori' song by Pappu Karki
- सुन ले दगड़िया, बात सुनी जा - 'Sun le Dagadiya' song by Pappu Karki
- लाली हो लाली हो सिया - 'Laali ho lali ho siya' song by Pappu Karki
- हीरा समधिनी - 'Heera Samdhini' song by Pappu Karki
- डीडीहाट की जमना छोरी - 'Didihat ki zamna chori' song by Pappu Karki
- तेरी रंगयाली पिछोड़ी कमु - 'Teri rangyali pichodi kamu' song by Pappu Karki
- उत्तरायणी कौथिग लागि रो - 'Uttarayni kauthig lagi ro' song by Pappu Karki
- चांचरी (ऐ हिट मधु उत्तरायणी कौथिग जूंला) - 'Chanchri' by Pappu Karki, 'Jhora' by Pappu Karki
- काजल क टिक्क लगाले - 'Kajal ko tikk lagale' song by Pappu Karki
- सिलगड़ी का पाला चाला - 'Silgari ka pala chaala' song by Pappu Karki
- ऐ जा रे चेत बैसाखो मेरो मुन्स्यारा - 'Ae ja re chet baisakh mero Munsyara' song by Pappu Karki
Bhajan by Pappu Karki
पप्पू कार्की जी ने कुछ भजन गीतों (Pappu Karki bhajan) को भी अपनी सुमधुर आवाज़ दी जिनमे से कुछ प्रमुख भजन निम्नांकित हैं -
- कोटगाड़ी कोकिला माँ तू दैण हो जाये 'Kotgadi Kokila maa tu dain ho jaye' bhajan song by Pappu Karki
- देवी भगवती मैया - 'Devi Bhagwati Maiyya' bhajan song by Pappu Karki
- होंठों में मुरली - 'Hontho me murli' bhajan song by Pappu Karki
- जै हो मैय्या जै तेरी जै मैय्या - 'Jai ho maiya jai teri jai maiyya' bhajan song by Pappu Karki
Pappu Karki madhuli song
पप्पू कार्की द्वारा गाया गया गीत "मधुली" उनका अब तक का सबसे लोकप्रिय गीत (Pappu Karki best song) है | इस गाने को youtube में अब तक 3.1 million views मिल चुके हैं | 'मधुली' गीत का म्यूजिक चन्दन लाल ने दिया है | 'मधुली' गीत के लिरिक्स को चन्दन लाल और जनार्दन उप्रेती ने तैयार किया है |
Jhora by Pappu Karki
पप्पू कार्की ने मेघना चंद्रा के साथ मिलकर एक झोड़ा (चांचरी) "ऐ हिट मधु उत्तरायणी कौथिग जूलाँ" भी गाया | यह भी लोगों ने काफी पसंद किया | इस चांचरी को पप्पू कार्की जी (Pappu Karki jhora) ने अपने निधन से दो दिन पहले ही यानि 7 जून 2018 को अपने you tube channel PK Entertainment Group में अपलोड किया था | इस चांचरी की लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं की सिर्फ तीन महीनो के अंदर ही इस चांचरी को अब तक 2 million से ज़्यादा लोग देख चुके हैं |
Pappu Karki all song
पप्पू कार्की एक सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक थे | उन्होंने बहुत सारे गीत (Pappu Karki ke gane) गाये | लोकगीतों को एक नए संगीत में ढालकर नयी पीढ़ी को भी उन लोकगीतों का दीवाना बना देना ये कला पप्पू कार्की जी को अच्छे से आती थी | उनकी आवाज़ में एक मधुरता थी जो हर एक गाने को फलक पर पहुंचा दिया करती थी | उनकी इस तरह असामयिक मृत्यु होना संगीत जगत के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है | उनका इस तरह चले जाना बेहद दुखदायी है लेकिन वे अपनी आवाज़ के द्वारा हमेशा के लिए अमर रहेंगे | उनके द्वारा गाये गए गीत निम्नांकित हैं -
- मधुली - 'Madhuli' song by Pappu Karki
- सुन ले दगड़िया, बात सुनी जा - 'Sun le Dagariya' song by Pappu Karki
- बसंती छोरी - 'Basanti chori' song by Pappu Karki
- लाली हो लाली हो सिया - 'Laali ho lali ho siya' song by Pappu Karki
- हीरा समधिनी - 'Heera Samdhini' song by Pappu Karki
- डीडीहाट की जमना छोरी - 'Didihat ki zamna chori' song by Pappu Karki
- तेरी रंगयाली पिछोड़ी कमु - 'Teri rangyali pichodi kamu' song by Pappu Karki
- उत्तरायणी कौथिग लागि रो - 'Uttarayni kauthig lagi ro' song by Pappu Karki
- चांचरी (ऐ हिट मधु उत्तरायणी कौथिग जूंला) - 'Chanchri' by Pappu Karki, 'Jhora' by Pappu Karki
- काजल क टिक्क लगाले - 'Kajal ko tikk lagale' song by Pappu Karki
- सिलगड़ी का पाला चाला - 'Silgari ka pala chaala' song by Pappu Karki
- ऐ जा रे चेत बैसाखो मेरो मुन्स्यारा - 'Ae ja re chet baisakh mero Munsyara' song by Pappu Karki
- पहाड़ो ठंडो पाणी - 'Pahado thando pani' song by Pappu Karki
- छम-छम बाजली हो - 'Cham-cham baajli ho' song by Pappu Karki
- तवे में मेरी माया मोहनी - 'Tve me meri maya Mohani' song by Pappu Karki
- काम की ना काज की - 'Kaam ki na kaaj ki' song by Pappu Karki
- ऐजा ऐजा तू मेरी पराणा - 'Aeja aeja tu meri prana' song by Pappu Karki
- साली मारछालि - 'Saali marchali' song by Pappu Karki
- तेरी मेरी माया सुआ रोली अमर - 'Teri meri maya sua roli amar' song by Pappu Karki
- कोटगाड़ी कोकिला माँ तू दैण हो जाये - 'Kotgadi Kokila maa tu dain ho jaye' bhajan song by Pappu Karki
- देवी भगवती मैया - 'Devi Bhagwati Maiyya' bhajan song by Pappu Karki
- होंठों में मुरली - 'Hontho me murli' bhajan song by Pappu Karki
Pappu Karki new song 2018 - "cham cham"
पप्पू कार्की और मांडवी त्रिपाठी ने "छम-छम बाजुली हो" कुमाऊंनी गीत को स्वरबद्ध किया है | नेपाल के स्टूडियो MB Studio Kathmandu में रिकॉर्ड होने वाला यह उत्तराखंड का पहला गीत है | मांडवी त्रिपाठी सुप्रसिद्ध नेपाली गायिका है जिन्होंने पहली बार पप्पू कार्की के साथ मिलकर कुमाऊंनी गीत गाया है | इस गाने का संगीत बिपिन आचार्य के द्वारा गया गया है | 3 जून 2018 को ये गाना youtube channel 'Chhitku Hinwal Production' के द्वारा youtube पर अपलोड किया गया है | पप्पू कार्की के अन्य सभी गीतों की तरह इस गाने को भी लोगो द्वारा काफी पसंद किया गया |
Pappu Karki new song 2018
वर्ष 2018 में पप्पू कार्की के youtube channel 'PK Entertainment Group' पर कुछ नए गाने अपलोड किये गए | उनका गाना बसंती छोरी जो उन्होंने खुद लिखा भी था | इस गीत का म्यूजिक मोती शाह ने दिया है | इस गीत को अब तक यू ट्यूब पर दो मिलियन से भी ज़्यादा लोग देख चुके हैं | यह गीत 9 जून 2018 को पप्पू जी के निधन के बाद उनकी टीम द्वारा यू ट्यूब पर अपलोड किया गया था | पप्पू जी के जन्मदिन के दिन 30 जून 2018 को इस गाने को यू ट्यूब पर अपलोड किया गया था |Pappu Karki latest song
पप्पू कार्की जी द्वारा गाये गए गीत "फूलों में भंवरों में होली तेरी मेरी बात" से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है | वे इस गीत को अपने चैनल PK Entertainment Group पर रिलीज़ भी करने वाले थे लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था | पप्पू कार्की जी ने इस गीत को अपनी मधुर आवाज़ तो दे दी पर इसको रिलीज़ करने से पहले ही वे सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए और एक महान लोकगायक के प्राण पखेरू उड़ गए | 9 जून 2018 को उनके निधन के ठीक तीन दिन बाद 12 जून 2018 को उनके यू ट्यूब चैनल PK Entertainment Group के Admin भूपेंद्र सिंह मनोला के द्वारा यू ट्यूब पर इस गीत के ऑडियो को "Memories Last Song of Pappu Karki" के टाइटल से रिलीज़ किया गया |Latest Kumaoni song Pappu Karki
पप्पू कार्की जी द्वारा गाया गया आखिरी गीत "फूलों में भंवरों में होली तेरी मेरी बात" है | इस गीत को उन्होंने अपने निधन के कुछ दिन पहले ही रिकॉर्ड किया था जिसे रिलीज़ करने के बारे में उन्होंने अपने सभी चाहने वालो को भी बताया था लेकिन किसे पता था इस गीत को रिलीज़ करने से पहले ही वे इस दुनिया को अलविदा कह देंगे और ये गीत उनके द्वारा गाया गया आखिरी गीत बन जायेगा | इस गीत के शब्दों को जब सुनते हैं तो आँखों से अपने आप ही आंसू आने लगते हैं | "फूलों में भंवरों में होली तेरी मेरी बात" पप्पू कार्की जी के द्वारा गाया गया एक बेहतरीन गाना है |
Pappu Karki new song
पप्पू कार्की जी के सपनो को पूरा करने का जिम्मा उनके छोटे से बेटे दक्ष कार्की ने ले लिया है | कुछ दिन पहले ही दक्ष ने "सुन ले दगड़िया" गाना गाया | इस गीत को पप्पू कार्की के द्वारा लिखा और गाया गाया था | दक्ष ने इस गाने को गाकर लोगों के दिलों को छू लिया | इस गीत को सुनने के बाद सभी लोगों ने दक्ष को संगीत के क्षेत्र में उनके आने वाले उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी | इस गाने को youtube पर अब तक 1 million से भी ज़्यादा views मिल चुके हैं | लोगों द्वारा दक्ष की आवाज़ को बहुत पसंद किया जा रहा है | सभी लोगों को दक्ष में उनके पिता पप्पू कार्की का अक्श देखने को मिल रहा है और सभी को उम्मीद है कि दक्ष अपनी गायकी से अपने पिता के सभी सपनो को साकार करने में ज़रूर कामयाब होंगे |
Pappu Karki Kumaoni song
पप्पू कार्की एक कुमाऊंनी लोकगायक थे | उन्होंने कई सारे सुपरहिट कुमाऊंनी सांग गए | उनके सुप्रसिद्ध कुमाऊंनी गाने हैं - मधुली, बसंती छोरी, सुन ले दगड़िया, चांचरी (झोड़ा), डीडीहाट की जमुना छोरी आदि | भले ही पप्पू कार्की आज हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी आवाज़ सदा अमर रहेगी और संगीत के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा के लिए याद रखा जायेगा |Pappu Karki live
पप्पू कार्की जब भी किसी महोत्सव में गाते थे तो वे लाइव जरूर आते थे और दर्शकों से रूबरू होते थे | सभी लोग उनकी लाइव वीडियोस (Pappu Karki video) का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार किया करते थे | इसके आलावा वे अपने कुछ गानों की शूटिंग के दौरान भी लाइव आया करते थे और लोगों को शूटिंग की बारीकियों से सम्बंधित बातें बताया करते थे | 'बसंती छयोड़ी' गाने की शूटिंग के दौरान भी वे लाइव आये थे |
Pappu Karki family
पप्पू कार्की के परिवार में उनकी माँ, पत्नी ओर एक बेटा है | उनकी माँ श्रीमती कमला कार्की उनके पैतृक गांव सेलावन में ही रहती हैं | पप्पू कार्की जी के पिता श्री किशन सिंह कार्की का कुछ वर्षों पहले निधन हो चुका है | पप्पू कार्की जी की पत्नी श्रीमती कविता कार्की हल्द्वानी में अपने बेटे दक्ष कार्की के साथ रहती हैं जहाँ से दक्ष अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | पप्पू कार्की जी के हल्द्वानी स्थित स्टूडियो PK Studio का संचालन भी अब कविता कार्की जी के द्वारा ही किया जा रहा है |
Pappu Karki wife
पप्पू कार्की की पत्नी का नाम श्रीमती कविता कार्की है जो फिलहाल अपने बेटे दक्ष के साथ हल्द्वानी में रहती हैं | कविता कार्की जी एक ग्रहणी है | अपने पति की मृत्यु के बाद से वे हल्द्वानी स्थित अपने स्टूडियो PK Studio का संचालन भी कर रही हैं |Pappu Karki son
पप्पू कार्की जी के बेटे का नाम दक्ष कार्की है जो अभी 7 वर्ष के हैं | दक्ष कार्की का भी पहला गाना "सुन ले दगड़िया" रिलीज़ हो चुका है | Sun le dagariya गीत को अब तक you tube पर million views मिल चुके हैं | दक्ष कार्की द्वारा गाये गए इस गीत (Pappu Karki ke bete ka song) को दर्शकों के द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है |Daksh Karki song
दक्ष कार्की (Daksh karki) का पहला गीत "Sun le dagariya" youtube पर PK Entertainment channel द्वारा अपलोड किया (Latest song of Pappu Karki child) जा चुका है | "Sun le Dagadiya" गीत पप्पू कार्की द्वारा रचित गीत है | इस गीत को पप्पू कार्की ने गाया भी था जिसे लोगों ने बहुत पसंद भी किया था | इसी गीत को एक नए संगीत में ढालकर दक्ष कार्की की आवाज़ (Pappu Karki ke bete ka gana) में पिरोया गया है | इस गाने को लोगों द्वारा बहुत ज़्यादा पसंद किया जा रहा है |पप्पू कार्की
आज एक महान लोकगायक पप्पू कार्की जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज़ को कभी कोई हमसे दूर नहीं कर सकता | उनकी आवाज़ हमेशा के लिए हम सबके साथ रहेगी | वे अपनी आवाज़ के ज़रिये आज भी हम सबके बीच ही मौजूद हैं और हमेशा रहेंगे | उन्होंने पारम्परिक लोकगीतों को बचाये रखने में अहम् भूमिका निभाई | अगर वे जीवित होते तो निश्चित रूप से ही वे कुमाऊंनी संगीत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाते | उन्होंने अपनी संस्कृति को बचने हेतु जितने भी कार्य किये वे सराहनीय हैं | उनके अमूल्य योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता | उनकी आवाज़ ने उन्हें हमेशा के लिए अमर बना दिया है |Also, read some other articles about talented persons of Uttarakhand :
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