Katarmal Sun Temple Almora - History, Architecture and Facts in Hindi
कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा - इतिहास, संरचना एवं तथ्य (Katarmal Sun Temple Almora - History, Architecture and Facts)
कटारमल सूर्य मंदिर - Katarmal Surya Temple
कटारमल सूर्य मंदिर भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से हैं जिसका निर्माण कत्यूरी राजवंश के तत्कालीन शासक 'कटारमल' के द्वारा किया गया था | यह मंदिर अल्मोड़ा के अधेली सुनार (Katarmal Surya Mandir Adheli Sunar Uttarakhand) गांव में स्थित है| उड़ीसा में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर के बाद कटारमल सूर्य मंदिर सूर्य देवता को समर्पित किया गया भारत का दूसरा सबसे बड़ा और प्राचीनतम मंदिर है | कटारमल सूर्य मंदिर पूर्वाभिमुखी है जिसे एक ऊँचे वर्गाकार चबूतरे पर निर्मित किया गया है |कटारमल सूर्य मंदिर - Katarmal Surya Mandir
कटारमल सूर्य मंदिर उत्तराखंड के कुमाऊँ में स्थित विशालतम मंदिरो में से एक है | इस मंदिर की स्थापत्य कला अदभुद हैं | कटारमल सूर्य मंदिर, समुद्र तल से 2,116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | कटारमल सूर्य मंदिर को 'बड़ादित्य' और 'बड़ादित्य सूर्य मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है | भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा कटारमल सूर्य मंदिर को एक संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है | इस मंदिर में सूर्य देवता की प्रतिमा को बनाने के लिए किसी धातु का उपयोग न करके बड़ की लकड़ी को उपयोग किया गया है |कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा - Katarmal Sun Temple Almora
भारत में सूर्य देवता को समर्पित किये गए सिर्फ दो मंन्दिर हैं जिनमे से एक उड़ीसा में स्थित है और दूसरा उत्तराखंड में |
- कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा
- कटारमल सूर्य मंदिर, अल्मोड़ा (उत्तराखंड)
कटारमल सूर्य मंदिर का इतिहास - Katarmal Sun Temple history
कटारमल सूर्य मंदिर का निर्माण कत्यूरी राजवंश के तत्कालीन शासक 'कटारमल' ने 9वीं शताब्दी में कराया था लेकिन इसके निर्माण वर्ष को लेकर विद्वानों में मतभेद है | कुछ विद्वान् इसे 11वीं शताब्दी में निर्मित बताते हैं | वैसे भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा कटारमल सूर्य मंदिर में स्थित स्तम्भों में उत्कीर्ण किये गए अभिलेखों के आधार पर इस मंदिर को 13वीं शताब्दी में निर्मित बताया गया है |कटारमल सूर्य मंदिर के पौराणिक इतिहास - Mythological History of Katarmal Sun Temple Almora
पौराणिक इतिहास के अनुसार जब उत्तराखंड के कन्दराओं में एक असुर ने ऋषि-मुनियो पर अत्याचार किये तो उस समय कंजर पर्वत और द्रोणागिरी कषायपर्वत के ऋषि-मुनियो के द्वारा कोसी नदी के तट पर सूर्य देवता की साधना की गयी | ऋषि-मुनियो की साधना से प्रसन्न होकर सूर्य देवता ने वहां पर अपने दिव्य तेज को एक वटशीला के रूप में स्थापित किया था | बाद में इसी वटशीला पर कत्यूरी राजवंश के शासक 'कटारमल' ने सूर्य मंदिर को समर्पित बड़ादित्य मंदिर का निर्माण कराया | अब यही मंदिर कटारमल सूर्य मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है|कटारमल सूर्य मंदिर की संरचना - Katarmal Sun Temple Architecture
कटारमल सूर्य मंदिर, सूर्य देवता को समर्पित भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है | मंदिर के गर्भगृह के प्रवेश द्वार को काष्ठ कला द्वारा उत्कीर्ण किया गया था जो वर्तमान में नयी दिल्ली स्थित देश के राष्ट्रीय संग्रहालय में मौजूद है | 10वीं शताब्दी में एक मूर्ति के चोरी होने के बाद से गर्भगृह के प्रवेश द्वार को अन्य अवशेषों के साथ राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है | मंदिर को त्रिरथ संरचना के आधार पर बनाया गया है | मंदिर में कुल 45 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है|अल्मोड़ा कटारमल सूर्य मंदिर - Almora Katarmal Surya Mandir
मंदिर परिसर में सूर्य देवता की मूर्ति के अलावा अन्य कई देवताओं की प्रतिमाएं भी मौजूद हैं | शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नृसिंह, लक्ष्मी-नारायण आदि अन्य देवताओं की लगभग 44 अन्य छोटे बड़े मंदिर निर्मित किये गए हैं जिनका निर्माण वर्ष अलग-अलग बताया जाता है|कटारमल सूर्य मंदिर से जुड़े तथ्य - Katarmal Sun Temple facts
- कटारमल सूर्य मंदिर कुमाऊँ का सबसे बड़े और प्राचीनतम मंदिरों में से एक है |
- कटारमल सूर्य मंदिर को भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किया जा चुका है |
- कटारमल सूर्य मंदिर की वास्तुकला एवं शिल्पकला अदभुद है जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी में बताया जाता है |
- सूर्य की सबसे पहली किरणें कटारमल सूर्य मंदिर में रखी गयी 'सूर्य देवता की प्रतिमा' पर पड़ती हैं |
- कटारमल सूर्य मंदिर को 'बड़ादित्य' और 'बड़ आदित्य सूर्य मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है |
- कटारमल सूर्य मंदिर 'सूर्य देवता' को समर्पित भारत के केवल दो मंदिरों में से एक है | सूर्य देवता को 'बड़ादित्य' और 'वरहादित्या' के नाम से भी जाना जाता है |
- सूर्य देवता की प्रतिमा के अलावा इस मंदिर में 44 अन्य देवी-देवताओं के छोटे-बड़े मंदिर निर्मित किये गए हैं |
कटारमल सूर्य मंदिर कैसे पहुंचे? - How to reach Katarmal Sun Temple Almora?
कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा से 14 किमी दूरी पर स्थित हैं | इस मंदिर में निम्नांकित आवागमन के स्रोत उपलब्ध हैं -वायुमार्ग द्वारा कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा - Katarmal Sun Temple Almora by Air
कटारमल सूर्य मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा 'पंतनगर हवाई अड्डा' है | पंतनगर हवाई अड्डे से अल्मोड़ा 135 किमी की दूरी पर स्थित है | यहाँ से अल्मोड़ा तक के लिए बस ली जा सकती है या फिर टैक्सी/कैब हायर कर कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा पहुंचा जा सकता है |रेलमार्ग द्वारा कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा - Katarmal Sun Temple Almora by train
कटारमल सूर्य मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन 'काठगोदाम रेलवे स्टेशन' है | काठगोदाम रेलवे स्टेशन अल्मोड़ा से 100 किमी की दूरी पर स्थित है | दूसरा निकटतम रेलवे स्टेशन 'रामनगर रेलवे स्टेशन' है जो अल्मोड़ा से 130 किमी की दूरी पर स्थित है | यहाँ से भी अल्मोड़ा पहुँचने के लिए टैक्सी या बस ली जा सकती है |सड़क मार्ग द्वारा कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा - Katarmal Sun Temple Almora by road
सड़क मार्ग द्वारा भी कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा आसानी से पहुंचा जा सकता है | राज्य के कई स्थानों से यहाँ के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं | देश की राजधानी दिल्ली से यह लगभग 350 किमी की दूरी पर स्थित है | 14 - 15 घंटे में आप आसानी से दिल्ली से अल्मोड़ा पहुँच सकते हैं |Also, read some other tour and travel articles :
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