Oh God can you change my Destiny?
Motivational Poem in Hindi
किस्मत की लकीरें पूछ रहीं हैं आज
ऐ खुदा तू क्यों है मुझसे नाराज़ ?
आखिर क्या है मेरी खता,
कम से कम इतना तो तू बता
मैंने आजतक सबकी की परवाह
फिर भी आज क्यों रह गया में तन्हा ?
कैसे जियूँगा मै इस तरह ?
अब तू ही दे दे जीने की कोई वजह
पास रहकर भी मेरे अपने हैं मुझसे दूर
मै तन्हा जीने पर हो गया मजबूर
आखिर क्या था मेरा कुसूर ?
बस इतना तू बता दे, मुझे ऐसे न सजा दे
मेरी किस्मत की लकीरें फिर से बना दे
मुझे मेरे अपनों का प्यार फिर से दिला दे
या फिर मुझे अपने पास बुला ले |
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