Daksh Karki - Son of Late Folk Singer Pappu Karki
Daksh Karki - Son of Late Folk singer Pappu Karki
दक्ष कार्की - Daksh Karki
आज हम आपको उत्तराखंड के एक नन्हे कलाकार दक्ष कार्की के बारे में बताने जा रहे हैं | दक्ष कार्की उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायक स्वर्गीय पप्पू कार्की जी के बेटे हैं | 16 सितम्बर को दक्ष का पहला गाना 'Sun le Dagadiya' रिलीज़ किया गया है | दक्ष अभी केवल 7 वर्ष के हैं | दक्ष अपनी माँ कविता कार्की जी के साथ हल्द्वानी में रहते हैं और वहीँ से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | दक्ष हल्द्वानी के यूनिवर्सल स्कूल में कक्षा 2 के छात्र हैं | हालाँकि उम्र में वे अभी काफी छोटे हैं लेकिन संगीत में उनकी बहुत दिलचस्पी है यह बात उनके पहले गीत 'सुन ले दगड़िया' में देखने को मिल रही है | बहुत सुरीली आवाज़ में उन्होंने अपने पिता पप्पू कार्की जी के गीत 'सुन ले दगड़िया' को आवाज़ दी है | दक्ष की मासूम सी मधुर आवाज़ मन को छू लेने वाली है |दक्ष कार्की का पहला गाना - First Song of Daksh Karki
कुछ दिन पहले ही पप्पू कार्की जी के ऑफिसियल यू ट्यूब चैनल PK Entertainment Group के द्वारा जानकारी दी गयीं थी कि बहुत जल्द पप्पू जी के बेटे दक्ष का पहला गाना रिलीज़ किया जायेगा और अब 16 september को दक्ष का पहला गाना 'सुन ले दगड़िया' पप्पू कार्की जी के ऑफिसियल यू ट्यूब चैनल पर अपलोड कर दिया गया है | 'Sun le Dagadiya' गाना पप्पू कार्की जी ने ही गाया था और यकीन मानिये जब हम दक्ष को गाना गाते हुए देख रहे हैं तो पप्पू कार्की जी की छवि हमें दक्ष में नज़र आ रही है और पप्पू जी की बहुत ज़्यादा याद आ रही है |Sun le Dagadiya by Daksh Karki
दक्ष कार्की ने अपने पिताजी पप्पू कार्की जी को 'Sun Le Dagadiya' गाने को गाकर ट्रिब्यूट दिया है और अपने पिता को उनकी इस तरह की श्रद्धांजलि देना वाकई मन को छू लेती है | उनकी आवाज़ में एक कशिश है | दक्ष की आवाज़ बहुत मधुर है और उनके इस गाने को सुनकर मन ही नहीं भर रहा | बार बार उनके गाने को सुनने का मन करा है | दक्ष अपने पिताजी की तरह ही बेहद सुरीला गाते (Daksh Karki latest song download) हैं | इतनी कम उम्र में ही वे अपना हुनर सबको दिखा चुके हैं | आशा करते हैं कि दक्ष इसी तरह अपने पिता जी की विरासत को आगे लेकर जायेंगे और अपने पिताजी के सारे सपनो को पूरा करेंगे |
Daksh Karki 'Sun le Dagadiya' video
दक्ष का एक वीडियो लोगों को काफी पसंद आ रहा है जिसमे वे अपना नया गाना 'Sun Le Dagadiya' लांच करने की तयारी कर रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि सभी लोग उनके आने वाले गीत को जरूर देखें और साथ में 'सुन ले दगड़िया' गीत को गुनगुना भी रहे हैं | दक्ष के चेहरे की वो मासूम सी मुस्कान दिल को छू लेती हैं | PK Studio में गाना गाने के साथ-साथ उनकी नटखट अदाएं देखकर सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ रही है |Jag Ghumeya song by Daksh Karki
आजकल दक्ष कार्की का एक ओर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे उनके पिता पप्पू कार्की जी भी उनके साथ नज़र आ रहे हैं | इसमें पप्पू कार्की जी अपने बेटे को सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म सुल्तान का गीत जग घुमेया थारे जैसा ना कोई गीत सीखा रहे हैं और दक्ष माइक पर इस गीत को गा रहे हैं और जहाँ वो कोई लाइन भूल रहे हैं तो उनके पिता उन्हें याद दिला रहे हैं | पिता बेटे की इस जुगलबंदी को देखकर सहसा मन में एक सवाल कौंधता है कि भगवान इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं कि एक नन्हे से बच्चे के सिर से उसके पिता का साया छीन लिया लेकिन जो नसीब में लिखा हो उसे कहाँ कोई बदल पाया है | बस ईश्वर से यही प्रार्थना है कि दक्ष इसी तरह अपने पिता के सपनो को साकार करें और पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन करें |Pappu Karki's son daksh
पप्पू कार्की जी का इसी वर्ष 9 जून 2018 को एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था | उनके निधन से सभी को गहरा धक्का लगा था | संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता | उन्होंने उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को बचाने के लिए जितने कार्य किये उतना शायद ही किसी ने किया हो | वे उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को बचाये रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन कहते हैं ना नसीब के आगे किसी की नहीं चलती | होनी को नहीं टाला जा सकता | कुछ ऐसा ही हुआ और ये चमकता हुआ सितारा हम सबको हमेशा के लिए छोड़कर चला गया |पप्पू कार्की - Pappu Karki
Pappu Karki उत्तराखंड के उभरते हुए कलाकारों को एक मंच प्रदान कराते थे और उन सबका मनोबल बढ़ाया करते थे | वे उत्तराखंड के सभी लोक कलाकारों की हरसंभव मदद का प्रयास करते थे ताकि उन लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके और उन्हें पप्पू जी की तरह परेशानियों का सामना ना करना पड़े | पप्पू जी ने इस मुकाम को पाने के लिए अपने जीवन में कड़ा संघर्ष किया था | उन्होंने दिल्ली में नौकरी भी
की | एक पेट्रोल पंप में भी काम किया | बाद में हल्द्वानी आकर अपना एक स्टूडियो PK Studio खोला ताकि उन सभी लोक कलाकारों की मदद हो सके जो लोक संस्कृति को आगे तो बढ़ाना चाहते हैं लेकिन संसाधनों के अभावों के चलते ऐसा कर नहीं पाते | वाकई उनकी यही सोच उन्हें सबसे अलग बनाती थी | वे उत्तराखंड का एक जगमगाता हुआ हीरा थे जो दूसरों के जीवन में भी रोशनी लाने का प्रयास करते थे |
Little Boy Daksh Karki songs
दक्ष कार्की ने संगीत की दुनिया में अपना पहला कदम रख दिया है | उनका पहला गीत 'सुन ले दगड़िया' रिलीज़ हो चूका है जिसे लोगों का काफी प्यार भी मिल रहा है | हालाँकि पहली बार वो गीत नहीं गए रहे हैं | आजकल कई सारे विंडोज देखने को मिल रहे हैं जिसमे उनके पिता पप्पू कार्की जी उन्हें संगीत की शिक्षा देते नज़र आ रहे हैं | किसी वीडियो में पप्पू कार्की जी हारमोनियम बजाते हुए दक्ष को गाना सीखा रहे हैं तो किसी वीडियो में वे दक्ष से हल्द्वानी स्थित अपने स्टूडियो में गाना गवाते हुए नज़र आ रहे हैं |Daksh Karki ka gana
'Sun Le Dagadiya' गीत को दक्ष के पिता पप्पू जी ने अपनी मधुर आवाज़ से सजाया था और अब उनके अंश दक्ष ने उनके इस गीत को एक नए अंदाज़ में गाकर पप्पू जी को श्रद्धांजलि दी है | इस गीत को देखते हुए सहसा ही अश्रुधारा बहने लगती है और पप्पू जी की यादें फिर से ताज़ा हो जाती हैं |
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