बारिश की बूँदें - Beautiful poem on Rain
बारिश की बूँदें - Beautiful Hindi Poem on Rain
आयी सावन में घटा
बड़ी निराली है ये छटा
चल रही है ठंडी-ठंडी पवन
चमक रहा है पूरा गगन
देखकर ये नज़ारा मैं भी हो गयी इसमें मगन
गगन मैं छाए हैं काले-काले बादल
नदियों में पानी कर रहा है कल-कल
महक रहा है मेरा मन भी पल-पल

गिरते ही बारिश की बूँद
मैंने आँखें ली अपनी मूँद
जब चेहरे पर बूंदे बारिश की गिरी
मेरे चेहरे पर हंसी खिली
मानो जैसे पानी मिलने पर
बारिश ने मिटा दी है प्रदूषण की दुर्गन्ध
पूरी धरती रही है बारिश की खुशबू से महक
चिड़ियाँ भी रही है चहक
मैं भी बारिश में नहाकर मजा ले रही हूँ
बारिश का छत पर आकर
बारिश की बूंदों को पाकर
सुहाना सा लग रहा है
बारिश में बाहर आकर
बूँदें गिर रही हैं करके छप-छप
पानी की आवाज़ आ रही है टप-टप
पायल मेरी मचाने लगी है शोर
ऐसे मौसम में तो नाच उठेंगे अब मोर
आसमान में बादल छाए है घनघोर
बारिश की छटा छायी है चारो ओर
हवाएं लग रही हैं सुहानी
हो गयी मैं इस मौसम की दीवानी
बादलों में बिजली की हो रही है गड़गड़ाहट
इस शोर से कोई डर गया तो
किसी के चेहरे पर आ गयी मुस्कुराहट
बारिश से है एक ही दरख्वास्त
सुहाना तो करना मौसम को ऐ बरसात
लेकिन इतना भी न बरसना कि
लोगों के लिए हो जाये मुसीबत
ऐसे बरसना कि मन को मिले सुकून
कर देना मौसम की गर्माहट को दूर
ताकि हो जाये हर कोई मजबूर
इस मौसम में होने को चूर
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