गाँवों की प्राकृतिक खूबसूरती - Poem on Natural Beauty of Villages
Short Poem on Village Life
जहाँ है ज़िन्दगी बड़ी गुलज़ार
लोगों में है आपसी प्यार
नहीं है कोई तकरार
ज़िन्दगी में नहीं है कोई हाहाकार
यहाँ की ये हसीन वादियाँ
कल-कल कर बहती ये नदियाँ
Poem on Rural Life in Hindi
उदास दिल में भी भर देती है उमंग
जो यहाँ रहता है उसकी ज़िन्दगी
तो मानो है एक उड़ती पतंग

चारो और फैली ये हरियाली
मन को देती है एक ख़ुशी निराली
न जाने क्यों लोग दौड़ रहे हैं शहर
Mera Gaon Poem in Hindi
जैसे ही अपने गांव में पड़े मेरे कदम
खुशियां बिखरी नज़र आयी यहाँ चारो ओर हरदम
समझ नहीं आता फिर क्यों शहरों की तरफ भाग रहे हैं हम ?
जब गांव हैं इतना सुन्दर सलोना
फिर लोगों ने क्यूं छोड़ दिया है इनमे रहना ??
यहाँ की ये स्वच्छ सी आबोहवा
किसी बीमार के लिए करती है
ऐसे काम जैसे करती है कोई दवा
Poem on Villages
प्राकृतिक श्रोतों से बहता ये मीठा सा पानी
इसको पीकर सदियों की प्यास है मुझे बुझानी
शहर की ज़िन्दगी की भागमभाग चुभती है ऐसे
जैसे सीने में मानो चुभ गया हो कोई खंजर
फिर भी भला क्यों हमारे अपने गांव हो रहे हैं बंजर ??
अपने गांव की इस प्राकृतिक सुंदरता को,
एक बार आकर तो निहारो
एक बार आकर तो निहारो
बार-बार ना सही कम से कम,
एक बार तो अपने गांव पधारो |
एक बार तो अपने गांव पधारो |
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